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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को साधारण मत समझिए, ये व्यक्ति संविधान और क़ानून का इतने बड़े जानकार है कि 10 सीजेआई इसके सामने पानी माँगें...ब्लॉग अर्जुन सिंह(एडवोकेट)

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Blog 50... जगदीप धनखड़ को साधारण मत समझिए, ये व्यक्ति संविधान और क़ानून का इतना बड़ा जानकर है कि 10 CJI इसके सामने पानी माँगें। पश्चिम बंगाल का राज्यपाल रहते इन्होंने AM-PM की गड़बड़ी के कारण रात के 2 बजे कैबिनेट बैठक का ऐलान कर दिया था। इतनी तनातनी रही ममता बनर्जी से, फिर भी उप-राष्ट्रपति चुनाव में TMC ने विरोधी उम्मीदवार को वोट नहीं दिया। जो व्यक्ति पेरिस स्थित 'इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन' का सदस्य रहा हो 3 वर्षों तक, उसे आज न देश में बेवकूफ बना सकते हैं और न विदेश में। बहुत कम लोगों को पता है कि आज से 35 वर्ष पूर्व जब चंद्रशेखर सिंह प्रधानमंत्री बने थे तब उन्होंने जगदीप धनखड़ को संसदीय कार्यमंत्री बनाया था। ऐसे में संसद और सरकार कैसे काम करती है, उनके अधिकार क्या हैं और सीमाएँ क्या हैं - ये जगदीप धनखड़ को बहुत अच्छे से पता है। वो राजस्थान हाईकोर्ट के बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे हैं। एक किसान परिवार में जन्मा व्यक्ति आज जब इस पद पर है और सुप्रीम कोर्ट पर इतना बड़ा हमला कर रहा है तो उसके एक-एक शब्द को गंभीरता से लीजिए। सवाल जायज है - जस्टिस यशवंत वर्मा के घर से करोड़ों के ...

अब मैं वह व्यक्ति नहीं रहा जो पहले हुआ करता था...पढ़े यह लेख,कैसा लगा कमेंट में जवाब जरूर दे। writter अर्जुन 📝

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Blogg 49. अब मैं वह व्यक्ति नहीं रहा जो पहले हुआ करता था। मैंने बहुत कुछ सीखा है, बढ़ा हूं, और समय और अनुभव के द्वारा जिन बदलाओं का मैं हिस्सा बना हूं, वही मेरी पहचान बन गए हैं। अब मुझे खुद को किसी के सामने समझाने की जरूरत नहीं महसूस होती। अगर कोई मेरे बारे में राय रखता है—चाहे वह अच्छी हो या बुरी—तो उसे रखे। मैं अपनी ऊर्जा उन लोगों को साबित करने में बर्बाद नहीं करूंगा जिन्होंने पहले ही अपना फैसला कर लिया है। मैंने उन लोगों से बहस करना छोड़ दिया है जो मेरी ऊर्जा के लायक नहीं हैं। उन्हें बात करने दो। उन्हें अनुमान लगाने दो। मुझे कुछ साबित नहीं करना है। मैं अभी भी उन लोगों की मौजूदगी की कद्र करता हूं जो मेरी जिंदगी में मायने रखते हैं, लेकिन अब मैं किसी से यह नहीं कहता कि रुक जाए। अगर कोई जाने का निर्णय लेता है, तो मैं दरवाजा खुला छोड़ देता हूं। मैं जीवन से जो मिला है, उसकी सराहना करता हूं, और अब मैं उससे अधिक नहीं मांगता जो मेरे लिए लिखा गया है। मैं उन लोगों के लिए हूं जिन्हें मेरी जरूरत है, लेकिन मैं अपनी मौजूदगी को उन जगहों पर नहीं थोपता जहां मुझे नहीं चाहिए। मैं दयालु हूं, लेकिन अब मै...

मिशन 2023 में कोन होगा बीजेपी जिलाध्यक्ष- झालावाड़ बीजेपी को चाहिए मजबूत नेतृत्व-

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मिशन -2023 में कोन होगा बीजेपी जिलाध्यक्ष झालावाड़ बीजेपी को चाहिए मजबूत नेतृत्व #झालावाड़. बीजेपी नेता संजय जैन ताऊ के बीजेपी जिलाध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद से नए जिलाध्यक्ष को लेकर कार्यकर्ताओं में इंतजार है।  वही देखा जाए तो चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी के प्रदेशाध्यक्ष बनने के बाद जिलों में भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्षों की नियुक्तियो का दौर चल गया है। लेकिन झालावाड़ का नया जिलाध्यक्ष कोन होगा। इसको लेकर कयास लगाना शुरू हो चुका है। क्युकी संगठन  को उन चेहरो पर निगाह हे जो आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव में बीजेपी का नेतृत्व कर जिम्मेदारी उठा सके।   इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं है की झालावाड़ का जिलाध्यक्ष कोई भी बने लेकिन इतना तय हे की इस पद के नाम पर मोहर वसुंधरा राजे व सांसद दुष्यंत सिंह के द्वारा ही लगेगी। वसुंधरा राजे का ग्रह जिला होने के साथ साथ झालावाड़- झालरापाटन निर्वाचन क्षेत्र भी हे। इसलिए स्पष्ट हे की जिलाध्यक्ष वसुंधरा राजे की पसंद का ही बनेगा। लेकिन हम यहां संभावित जिलाध्यक्ष के नामों की बात कर रहे हे तो सबसे पहले नाम आता है पूर्व विधायक कंवरलाल मीण...

मृत्युभोज कुरीति नहीं,समाज और रिश्तों को सँगठित करने के अवसर की परम्परा है - एडवोकेट अर्जुन सिंह गुर्जर

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ब्लॉग - "#मृत्युभोज...!" *मृत्युभोज के विरोध पर बहुत लिखा जा रहा है आजकल, पर मेरा मत जरा अलग है...!!"* मृत्युभोज कुरीति नहीं है. समाज और रिश्तों को सँगठित करने के अवसर की पवित्र परम्परा है, हमारे पूर्वज हमसे ज्यादा ज्ञानी थे।  आज मृत्युभोज का विरोध है, कल विवाह भोज का भी विरोध होगा... हर उस सनातन परंपरा का विरोध होगा जिससे रिश्ते और समाज मजबूत होता है।  इसका विरोध करने वाले ज्ञानियों हमारे बाप दादाओ ने रिश्तों को जिंदा रखने के लिए ये परम्पराएं बनाई हैं। यह सब बंद हो गए तो रिश्तेदारों, सगे समबंधियों, शुभचिंतकों को एक जगह एकत्रित कर मेल जोल का दूसरा माध्यम क्या है... दुख की घड़ी मे भी रिश्तों को कैसे प्रगाढ़ किया जाय ये हमारे पूर्वज अच्छे से जानते थे।  हमारे बाप दादा बहुत समझदार थे, वो ऐसे आयोजन रिश्तों को सहेजने और जिंदा रखने के किए करते थे। हाँ ये सही है की कुछ लोगों ने मृत्युभोज को हेकड़ी और शान शौकत दिखाने का माध्यम बना लिया, आप पूड़ी सब्जी ही खिलाओ।  कौन कहता है की 56 भोग परोसो... कौन कहता है कि 4000-5000 लोगों को ही भोजन कराओ और दम्भ दिखाओ।  मैं खुद दिखावे का व...

संविधान सभा की पहली बैठक के बाद ही देश 2 भागों में हुआ विभाजित..📝 ब्लॉग-.एडवोकेट अर्जुन सिंह चांदना।

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संविधान सभा की पहली बैठक के बाद ही देश 2 भागों में हुआ विभाजित.. ब्लॉग-224..एडवोकेट अर्जुन सिंह चांदना। ब्लॉग--- भारतीय संविधान सभा के लिए जुलाई 1946 में निर्वाचन हुए थे। संविधान सभा की पहली बैठक दिसम्बर 1946 को हुई थी। इसके तत्काल बाद देश दो भागों - भारत और पाकिस्तान में बँट गया था। संविधान सभा भी दो हिस्सो में बँट गई - भारत की संविधान सभा और पाकिस्तान की संविधान सभा। भारतीय संविधान लिखने वाली सभा में 299 सदस्य थे जिसके अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद थे। संविधान सभा ने 26 नवम्बर 1949 में अपना काम पूरा कर लिया और 26 जनवरी 1950 को यह संविधान लागू हुआ। इसी दिन कि याद में हम हर वर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं। भारतीय संविधान को पूर्ण रूप से तैयार करने में 2 वर्ष, 11 माह, 18 दिन का समय लगा था। भारतीय संविधान में वर्तमान समय में भी केवल 395 अनुच्छेद, तथा 12 अनुसूचियाँ हैं और ये 25 भागों में विभाजित है। परन्तु इसके निर्माण के समय मूल संविधान में 395 अनुच्छेद जो 22 भागों में विभाजित थे इसमें केवल 8 अनुसूचियाँ थीं। संविधान में सरकार के संसदीय स्‍वरूप की व्‍यवस्‍था ...

गुजरात की तर्ज पर राजस्थान में भी भाजपा उतारेगी नए चेहरे_वर्तमान विधायकों को टिकट कटने की सताने लगी चिंता_युवाओं और प्रोफेशनल चेहरों पर खेल सकती है दाव।_ ब्लॉग अर्जून सिंह चांदना📝

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गुजरात की तर्ज पर राजस्थान में भी भाजपा उतारेगी नए चेहरे। वर्तमान विधायकों को टिकट कटने की सताने लगी चिंता युवाओं और प्रोफेशनल चेहरों पर खेल सकती है दाव। झालावाड़. गुजरात राज्य में वरिष्ठ ओर दागी विधायको के टिकिट कटने के बाद राजस्थान में भी बीजेपी के विधायको की चिंता बढ़ने लग गई है। भाजपा राजस्थान में भी अगले साल(2023)में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर जीत की तैयारी में रणनीति बना रही है। गौरतलब है कि इसी अनुरूप अब राजस्थान में विधायको का रिपोर्ट कार्ड तैयार कर क्षेत्र में उनकी पकड़ का आंकलन किया जा रहा है। संभवतः भाजपा इस बार उम्र दराज विधायको के टिकिट काटकर , युवाओं ओर नए चेहरों पर फोकस कर रही है। इसी के चलते प्रोफेशनल युवाओं को भाजपा से जोड़ने का अभियान भी जारी है। (जिताऊ उम्मीदवारों की सर्च रिपोर्ट तैयारी में ) इस बार भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने पूरी तरह से विधानसभा चुनाव की कवायद शुरू कर दी है। इस बार आलाकमान हर विधानसभा क्षेत्र में जीत हासिल करने वाले चेहरों पर नजर बनाए हुए है। जिसको लेकर सर्वे भी चल रहा है। इसमे कोई अतिश्योक्ति नही है कि गुजरात के जैसे राजस्थान में भी आधे स...

गुर्जर समाज की यह अनोखी परंपरा... दीपावली पर करते है पितरों का श्राद्ध -ब्लॉग अर्जुन चांदना📝

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गुर्जर समाज की यह अनोखी परंपरा... दीपावली पर करते है पितरों का श्राद्ध  ब्लॉग 114. एडवोकेट अर्जुन चांदना भालता(झालावाड़).  प्रकाश का पर्व दीपावली पर्व जहां देश भर में समूचे हिन्दू धर्म के लोग मां भगवती लक्ष्मी की पूजा कर धूमधाम से मनाते है। वही भारत मे एक ऐसा भी समाज है, जो दीपावली के दिन श्राद्ध ओर पिंडदान करता है। जी हां बात कर रहे है झालावाड़ जिले के गुर्जर समाज की, जो दीपावली पर पितरों का श्राद्ध करता है। झालावाड़ के गुर्जर बाहुल्य गांवों में समाज के लोग पूर्वजो का श्राद्ध दीपावली के ही दिन करते है। दीपावली के दिन गुर्जर समाज बुजुर्ग, युवा,  बाल बच्चें नदी तालाबों कुएं या जलाशयों पर जाकर सामूहिक रूप से अपने पूर्वजों का तर्पण करते है। जिसे छाट परम्परा के नाम से जाना जाता है। इनके श्राद्ध पक्ष में कोई श्राद्ध नहीं किया जाता है। परम्परा के अनुसार अमावस्या के दिन से 2 दिन पहले घरों में बड़े बूडे़ आ जाते है। और वहीं दो दिन तक अपने पूर्वजों की याद में  पूजा अर्चना की जाती है। एक तरह से उस दिन घरों मे मातम जैसा माहौल रहता है। घरों में महिलाओं द्वारा चक्की(आटा पी...