पिता वारिया ते लाल चार वारे..एक ऐसा वीर योद्धा जिसने धर्म की खातिर पूरा वंश कुर्बान कर इतिहास बना दिया... जानिए कोन है?-

 पिता वारिया ते लाल चार वारे..एक ऐसा वीर योद्धा जिसने धर्म की खातिर पूरा वंश कुर्बान कर इतिहास बना दिया... जानिए कोन है?- 

ब्लॉग- इन पुत्रं के शीश पर वार दिए सूत चार, चार मुये तो क्या हुआ जीवित कई हजार...जी है यह पंक्तियां दशमेश पिता गुरु गोविंद सिंह जी महाराज के लिए ठीक बैठती है। विश्व के एकमात्र ऐसे सिंह योद्धा जिनकी लड़ाई न राज्य की सीमा के लिए थी, न धन के लिए और न ही किसी अन्य लालसा के लिए था ... वो संघर्ष था तो मात्र धर्म की रक्षा हेतु धर्म की रक्षा के लिए आमरण युद्ध ...

महाभारत था धर्म युद्ध और अर्जुन से बड़ा धनुर्धारी न पैदा हुआ। लेकिन पुत्र अभिमन्यु वध का समाचार मिलते ही दुःख और क्षोभ से गांडीव फ़िसल गया, पैर काँप गया, दूसरा दृष्टांत अर्जुन के गुरु द्रोण आचार्य अपने पुत्र अश्वत्थामा की मृत्यु के झूठे ख़बर मात्र से धनुष रख के रोने लगे और युद्ध बंद कर दिया .... पुत्र से बिछड़ने मात्र के संताप से देवासुर संग्राम के विजेता चक्रवर्ती सम्राट महाराज दशरथ भी गिर पड़े और फिर न उठे ...ऐसे में दशमेश गुरु गोविंद सिंह मात्र एक ऐसे देवतुल्य महापुरुष हुए, जिन्होंने अपने चार पुत्रों को बलिदान होने के लिए अपने हाथ से सज़ा के भेजा .... 

वही चमकौर का क़िला छोड़ते समय जब उनके सिंग अनुयायियों ने अपने पगड़ी खोलकर दोनो साहबजादों(अजित वीर जी और जुझार वीर जी) के बलिदानी शरीर को ढकना चाहा,तो गुरु जी ने ये कह के मना कर दिया कि बाकी के बलिदानी भी उनके पुत्र ही हैं .. फिर इनके लिए व्यवस्था क्यों, बाक़ी के वंचित क्यों रहें ? 

लड़ाई चलते रहने के समय, पुत्रों के बलिदानी होने के पहले या बाद ... उफ़नाइ नदी पार करने के बाद उसी हाल में गुरु जी ने धर्म रक्षा के लिए बिना विचलित हुए ईश्वर का पूजन और शबद कीर्तन भी किया .... 

चारों साहबजादों के बलिदान होने पर गुरु जी ही एक मात्र थे, जिनके न पैर कांपे, न धनुष फिसला, न तलवार की चमक कम हुई, जिन्होंने धर्म रक्षार्थ योद्धा लोगों की ओर देखकर कहा ...

_इन पुतरन के शीश पर वार दिए सुत चार_

_चार मुए तो क्या हुआ, जीवित कई हज़ार .._ 

ऐसे महानायक, महायोद्धा, धर्मरक्षक, महाज्ञानि ईश्वर तुल्य गुरु गोविंद सिंह जी महाराज...किसी के भी जीवन में मनाने के लिए इससे बड़ा उपलक्ष और क्या हो सकता है .... 

 ऐसे महापुरुष गुरु महाराज गोविन्द सिंह जी महाराज को कोटिशः नमनकैसा लगा यह मेरा लेख, पसंद आये तो कमेंट में जवाब जरूर दे।                        





                                














ARJUN SINGH CHANDNA (BLOGGER)

Website- www.advarjunschandna.in

Facebook Page- www.facebook.com/advarjunchandna

Follow me on Twitter- https://twitter.com/arjunSChandna1

Blog- arjunsinghchandna.blogspot.com

To Contact- 9461788594

To Add in WhatsApp Group- 9462020994

Email- arjuns.jlwr99@gmail.com

Comments

Popular posts from this blog

मन मे है संकल्प सघन..

गुमनामी के साये में भालता के पर्यटन स्थल, इतिहास के पन्नो में नही मिल रही शोभालता गांव को पहचान-अर्जुन चांदना

अब मैं वह व्यक्ति नहीं रहा जो पहले हुआ करता था...पढ़े यह लेख,कैसा लगा कमेंट में जवाब जरूर दे। writter अर्जुन 📝