वकील कौन ?-------------------

 वकील कौन ?------------------------------------------------             

राह जिसकी मुश्किल हैं,


वो   ही  तो  वकील   हैं। 

तुमने कब झांका अंदर तक

ज्ञान   की  गहरी   झील  हैं


पद ,   पैसा,  प्रतिष्ठा,  प्रभाव

सब पे भारी उसकी दलील हैं


उसके नसीब   में  तो   सिर्फ

अर्जी,दावा,रिविजन,अपील हैं


जाते होंगे सब तीर्थ यात्रा पर

उसका  खुदा  तो  असील  हैं


सामने उसके सब नतमस्तक 

पीठ  पीछे  करते   जलील हैं


न उधो का लेना,न माधो का देना

बस  अपने   काम  में  तल्लीन हैं


सभी अपनी समस्याएं देते

धीर,  वीर ,  सहनशील   हैं


समाज का प्रबुद्ध वर्ग कहलाता

बेहद   गंभीर    चिंतनशील   हैं


छोटा मोटा पर्वत नहीं

दुर्गम    इन्द्रकील    हैं


कर्म ही देवता कार्य ही पूजा

झुंझारु  भारी ,कर्मशील  हैं


मथ कर निकालता नवनीत

ऐसा     पात्र      कठींल   हैं


सीधा संबंध उससे रखता

खुदा     का    इंजील   हैं


पूरे परिवार का बोझ उठाता

सबका     वो    कफील    हैं


खा जाते उसका मेहनताना

ऐसे ऐसे उसके मुव्वकील हैं


दो पाटो को जोड़ने वाली

सबसे  मजबूत  कील  हैं


सबको जरूरत पड़ती हमसे

गर्व  से  कहो  हम वकील हैं


शब्दार्थ--असील=वकील का ग्राहक

              इन्द्रकील=हिमालय की वो चोटी       

                             जहां अर्जुन ने तपस्या

                             करत हथियार प्राप्त किए

             कंठील =पात्र जिसमें कोई वस्तु मथी

                          जाती है

            इंजील= भगवान का संदेशवाहक

            कफील= जिम्मेदारी धारण करने 

                          वाला

Comments

Popular posts from this blog

मन मे है संकल्प सघन..

गुमनामी के साये में भालता के पर्यटन स्थल, इतिहास के पन्नो में नही मिल रही शोभालता गांव को पहचान-अर्जुन चांदना

अब मैं वह व्यक्ति नहीं रहा जो पहले हुआ करता था...पढ़े यह लेख,कैसा लगा कमेंट में जवाब जरूर दे। writter अर्जुन 📝