Posts

Showing posts from October, 2022

गुर्जर समाज की यह अनोखी परंपरा... दीपावली पर करते है पितरों का श्राद्ध -ब्लॉग अर्जुन चांदना📝

Image
गुर्जर समाज की यह अनोखी परंपरा... दीपावली पर करते है पितरों का श्राद्ध  ब्लॉग 114. एडवोकेट अर्जुन चांदना भालता(झालावाड़).  प्रकाश का पर्व दीपावली पर्व जहां देश भर में समूचे हिन्दू धर्म के लोग मां भगवती लक्ष्मी की पूजा कर धूमधाम से मनाते है। वही भारत मे एक ऐसा भी समाज है, जो दीपावली के दिन श्राद्ध ओर पिंडदान करता है। जी हां बात कर रहे है झालावाड़ जिले के गुर्जर समाज की, जो दीपावली पर पितरों का श्राद्ध करता है। झालावाड़ के गुर्जर बाहुल्य गांवों में समाज के लोग पूर्वजो का श्राद्ध दीपावली के ही दिन करते है। दीपावली के दिन गुर्जर समाज बुजुर्ग, युवा,  बाल बच्चें नदी तालाबों कुएं या जलाशयों पर जाकर सामूहिक रूप से अपने पूर्वजों का तर्पण करते है। जिसे छाट परम्परा के नाम से जाना जाता है। इनके श्राद्ध पक्ष में कोई श्राद्ध नहीं किया जाता है। परम्परा के अनुसार अमावस्या के दिन से 2 दिन पहले घरों में बड़े बूडे़ आ जाते है। और वहीं दो दिन तक अपने पूर्वजों की याद में  पूजा अर्चना की जाती है। एक तरह से उस दिन घरों मे मातम जैसा माहौल रहता है। घरों में महिलाओं द्वारा चक्की(आटा पी...

जिस पांच साल के बच्चे के सामने उसकी मां को जला दिया गया था, आज वह देश की सबसे पुरानी पार्टी कॉंग्रेस का अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे।

Image
जिस पांच साल के बच्चे के सामने उसकी मां को जला दिया गया था, आज वह देश की सबसे पुरानी पार्टी का अध्यक्ष बन गया है।  Blogg.133. आजादी के पहले कर्नाटक में निजाम की हुकूमत थी। बंटवारे के बाद उनके गांव वरवट्टी में भी हिंदू-मुस्लिम दंगे भड़क गए। गांव पर निजाम की सेना ने हमला कर दिया। इस सेना के साथ लुटारी यानी लूटने वाले भी थे। उन्होंने पूरे गांव में आग लगा दी। इस गांव के एक घर में एक पांच साल के बच्चे के सामने उसकी मां को जला दिया गया। बच्चा देखता रह गया था।  बच्चे के पिता उसे बचाकर गांव से दूर लेकर चले गए। तीन महीने जंगल में रहे। बाद में मजदूरी करके अपने बच्चे को पाला पोसा। सबसे तारीफ की बात ये रही है पिता ने बच्चे को काम में लगाने की बजाय पढ़ाया। बच्चा बड़ा होकर अपने जिले का पहला दलित वकील बना। फिर यूनियन लीडर, फिर विधायक, कर्नाटक सरकार में मंत्री, फिर सांसद, केंद्रीय सरकार में मंत्री और अब कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष। ये हैं मल्लिकार्जुन खड़गे। उनका जीवन काफी मार्मिक और प्रेरक है।  आजादी के बाद महात्मा गांधी ने इच्छा जताई थी कि कांग्रेस का अध्यक्ष कोई दलित हो। हा...

संघ में भारतीयत्व के उदय की शुरुआत...अर्जुन चांदना

Image
भारतीयत्व के उदय की शुरुआत...अर्जुन चांदना।📝 विजयदशमी कई कारणों से मनाई जाती है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान रामचंद्र ने रावण का वध किया था और विजय प्राप्त की थी। पर्यावरण की दृष्टी से, विजयादशमी नई फसल के मौसम की शुरुआत भी दर्शाता है। लोग भरपूर फसल, शांति और समृद्धि के लिए धरती माता का आशीर्वाद चाहते हैं। यह विजय और वीरता का पर्व है। पिछली शताब्दी में, “भारतवर्ष” के लिए सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक डॉक्टर केशव हेडगेवार जी द्वारा आरएसएस की स्थापना थी।  आरएसएस की स्थापना 1925 में विजयादशमी के दिन हुई थी। वीर सावरकर भगवान श्री राम और श्री कृष्ण के लिए बहुत सम्मान रखते थे। वह कहते थे कि दोनों सेना प्रमुख और देश के सर्वोच्च नेता थे। उन्होंने 1909 में लंदन में विजय-दशमी मनाई। रामचंद्र के काम के बारे में उन्होंने कहा, “जब प्रभु श्री राम ने अपने पिता के वचन का पालन करने के लिए अपने राज्य को छोड़ दिया, लेकिन मुख्य रूप से राक्षसों के उन्मूलन करना मकसद था, उन्होंने बहुत अच्छा काम किया।”  जब श्री राम ने लंका पर आक्रमण किया और रावण वध की अपरिहार्य और धर्मी लड़ाई की तैयारी की, तो उनका...

दीपावली पर स्वदेशी अपनाते हुए लोकल ही बने खरीददार" 📝-एडवोकेट अर्जुन चांदना।

Image
"दीपावली पर स्वदेशी अपनाते हुए लोकल ही बने खरीददार" 📝-एडवोकेट अर्जुन चांदना 'दो साल से कोविड19 के चलते लगे लॉकडाउन के बाद अब त्योहारों में भी रौनक देखने को मिल रही है। भारत मे मनाए जाने वाला देश का सबसे बड़ा महापर्व दीपावली इस बार विशेष उत्साह लिए हुए है। क्योंकि बीते दिन कोरोना के कारण व्यापारी वर्ग के लिए बेहद कष्टप्रद रहे है।  ऐसे में हम यहां अपने ही जिले झालावाड़ की बात कर रहे है।झालावाड़ सहित झालरापाटन, भवानीमण्डी,अकलेरा,खानपुर, मनोहरथाना, डग,पिड़ावा,चौमहला, सुनेल, बकानी,रटलाई भालता, चाहे गांव हो या कस्बे जहा हर छोटे बड़े दुकानदार रहते है।कई साल पहले जो सामान ब्रांड  प्रोडक्ट  बड़े शहरों में मिलता था।आज के समय हर बड़े छोड़े कस्बे ओर गाँवों तक उपलब्ध हो चुका है।कुछ नामचीन ब्रांड भले ही ना मिल रहे पर बीते कुछ दिनों से आज तक ऑनलाईन शॉपिंग का क्रेज भी दिनों दिन बढ़ रहा है।जो कई प्रकार से आकर्षक छूट भी देती है। ऐसे में मेरा आप सभी जिलेवासियों से यही अपील रहेगी कि हम जिस शहर कस्बे या गांव में रहते हो। और यदि आपकी जरूरत की वस्तु यदि वहां के बाजार दुकान पर उपलब्ध है। तो आप उसी दुकान...